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लेखनी कविता -17-Aug-2024

शीर्षक - संतान


संतान का नाम बुढ़ापे का सहारा है। बस हमारी जवानी की शोहरत हैं। शादी एक संतान का प्रमाण होता हैं। जीवन में संतान जीने की राह होती हैं। संतान को हम सभी खुशी लेते देते हैं। जिंदगी में हम संतान को नाम देते हैं। स्वतंत्रता और सुरक्षा के साथ रखते हैं। संतान के लिए हम दिन रात जागते हैं। हमारे सपने और अरमान संतान होती हैं। आधुनिक समय में संतान कहां सोचतीं हैं। मन और खबाव में अपनी सोच रखते हैं। सच तो संतान के साथ हमारे स्वार्थ होते हैं। अपने पराए का भी दुविधा जीवन में होती हैं। हां सच संतान के लिए समानता हम रखते हैं।


नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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1 Comments

Arti khamborkar

19-Aug-2024 09:57 AM

v nice

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